जनपद बदायू के विकास खण्ड म्याउं के दक्षिण पश्चिम मे स्थित एक ग्राम पंचायत है गौरामई। ग्राम पंचायत मे कुल एक राजस्व ग्राम तथा एक ही मजरा है। इस ग्राम पंचायत की अर्थव्यवस्था मूल रूप से खेती और पशुपालन पर निर्भर है। ग्राम मे शिक्षा का प्रतिशत काफी कम है। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार इस ग्राम की कुल जनसंख्या 2249 थी जिसमे से अनुसूचित जाति की जनसंख्या 173 तथा पिछडो की जनसंख्या 659 तथा सामान्य आबादी 1417 थी। वर्ष 2005-2006 मे कराये गये बेस लाईन सर्वे के अनुसार गांव मे कुल परिवारों की संख्या 276 थी जिसमे से 75 परिवार गरीबी की रेखा के नीचे तथा 202 परिवार गरीबी की रेखा के उपर थे सर्वे के समय 2 वी0पी0एल0 परिवारों तथा 12 ए0पी0एल0 परिवारों मे स्वच्छ शौचालयों की सुविधा थी। इस प्रकार 72 वी0पी0एल परिवार तथा 190 ए0पी0एल0 परिवारों मे शौचालय की सुविधा नही थी। वर्तमान मे ग्राम की कुल परिवारों की संख्या 325 है जिसमे से gayramai budaun परिवार मुस्लिम समुदाय के 225 परिवार है। लगभग 4 माह पूर्व विकास खण्ड म्याउ मे तैनात सहायक विकास अधिकारी पंचायत नक्षत्र पाल सिंह ने गांव का दौरा किया। गांव के कुछ लोगों द्वारा शिकायत की गई कि गांव के कुछ लोगों के घरों मे कमाउ शौचालय है जिनसे निकलने वाले मल को गांव की जमादार गांव के एक स्थान पर एकत्र कर देती है जिससे गांव मे गंदगी फैलती है। जब सहायक विकास अधिकारी पंचायत ने गांव का वास्तविक सर्वे कराया तो आंकडें चौकाने वाले थे। गांव के 176 घरों मे शुष्क शौचायल थे। शुष्क शौचालयों के कारण गांव का परिवेश अत्यन्त प्रदूषित हो रहा था। सहायक विकास अधिकारी पंचायत ने उक्त जानकारी नवनियुक्त जिला पंचायत राज अधिकारी आर0एस0चौधरी को बताया। दिनांक 10 जनवरी 2010 दिन रविवार को श्री चौधरी गांव का दौरा किया। गांव के लोगों जिला पंचायत राज अधिकारी को ग्राम प्रधान श्री छेदा लाल के नेतृत्व मे गांव की शौचालयों की विकट समस्या से अवगत कराया।
जिला पंचाययत राज अधिकारी ग्राम पंचायत गौरामई मे गोष्ठी करते हुए। उन्होने बताया कि गांव के जिस स्थान पर सफाई के बाद मल डाला जा रहा था उस स्थान पर ग्राम पंचायत सचिवालय बनवाने का प्रस्ताव कर दिया गया है जिस कारण गांव के अन्य स्थान पर मल फेकने की सुविधा न होने के कारण मल का निस्तारण नही हो पा रहा है। गांववासियों ने जिला पंचायत राज अधिकारी से इस समस्या के निदान के लिये अनुरोध किया। जिला पंचायत राज अधिकारी ने तुरन्त ग्राम मे एक गोष्ठी की और लोगों को शुष्क शौचालयों के उपयोग की बुराईयोंगों के दौरे शुरू हो गये । से अवगत कराया। गोष्ठी का इतना प्रभाव पडा कि गांव के आम नागरिक यह कहते पाये गये कि सरकार जो भी सुविधा दे सकती है दे शेष धनराशि वे स्वयं लगा कर शौचालयों का निर्माण करा लेगे और अब वे लोग कमाउ शौचालयों का प्रयोग नही करेगे। अब गांव मे जिला तथा विकास खण्ड स्तर के लो जिला स्वच्छता समन्वयक अब्दुल अहद जांबाज गांव का दौरा करते हुए
जिले पर तैनात जिला स्वच्छता समन्वयक अब्दुल अहद जांबाज रवि शंकर शर्मा सहायक विकास अधिकारी पंचायत द्वारा गांव के दौरे किये गये। गांव की आवश्यकतानुसार जिले स्तर से शौचालयों के निर्माण की धनराशि ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराई गई।
गांव मे शौचालय निर्माण के लिये चेक निर्गत करते ग्राम पंचायत सचिव श्री खालिद अली
गांव मे तैनात सचिव श्री खालिद अली तथा ग्राम प्रधान श्री छेदा लाल का गांववासियों ने बढ चढ कर साथ दिया। देखने वाली बात यह रही कि ग्राम के निवासियों विशेषकर महिलाओं ने इस कार्यक्रम मे बढ चढ कर भाग लिया।
गांव के ग्राम प्रधान ने पहले लाभार्थी को चेक स्वयं प्रदान न कर गांव से सम्मानित व्यक्ति श्री अलाउद्यीन से दिलाया जिससे गांववासियों मे उत्साह का संचार हुआ। ग्राम पंचायत ने 31 मार्च 2010 तक 325 शौचालयों का निर्माण कराकर सभी घरों मे शौचालयों के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया है और ग्राम निर्मल ग्राम पंचायत पुरस्कार के लिये तैयार है।
आभार-अब्दुल अहद जांबाज।
Sunday, April 18, 2010
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