दिनांक 2 अगस्ता 2010 यूनीसेफ के राज्य आफिस लखनउ से आयी मीडिया कन्स लटेन्ट सुश्रीअंजली सिंह
ने आज जिले में चल रहे शुष्क शौचालयो के कन्वसर्जन कार्य का जायजा लिया ग्राम रमजानपुर ब्लाक
कादरचौक तथा सकरी जंगल विकास खण्ड उझानी में
डी0पी0आर0ओ0 श्री आर0एस0चौधरी तथा यूनीसेफ के डी0एफ0 श्री अहमद शाहवेज तथा परिक्षित सेठ के साथ किये गये भ्रमण में सकरी जंगल में हुये अभूतपूर्व कार्य ने उनकोअचम्भित कर दिय। केवल 10 दिनो मे बने 272 शौचालयो के ग्रह स्वायमियों से बात चीत करते हुये उन्होने जाना किस प्रकार डी0पी0आर0ओ0 श्री चौधरी द्वारा की गयी गोष्ठी ने उन लोगो को प्रेरित किया। अव लोग लेन लगाकर अपने, अपने घरो के लिये शौचालय निर्माण हेतु प्रोत्साहन राशि की मांग कर रहे है।ग्रामवासियो ने माना कि शुष्क शौचालयो का प्रभाव उनके एवं बच्चोह के स्वासस्थ्ा पर वेहद हानिकारक असर करता है। सुश्री अंजली ने लाभार्थियों से जानकारी ली कि उन लोगो ने शौचालय निर्माण के तुरन्त पश्चांत पोर फलस शौचालयो को प्रयोग करना भी शुरू कर दिया है। एक बच्ची से उन्होने पूछा कि शौच के लिये कहा जा
ती हो तो बच्ची ने बताया कि नये शौचालय में जाते है क्योकि यह पुराने वाले से बहुत अच्छा है। स्वच्छाकारो से बात करते हुये सुश्री अंजली ने जाना कि यह कार्य कितना बडा योगदान दे रहा है हमारे समाज मे प्रचलित सदियों पुरानी मैला ढोने की इस कुर्तियों को समाप्त करने मे। इस मौके पर सुश्री अंजली सिंह ने स्वच्छयकारो से अपील की तथा उनको समझाया कि इस कार्य से मुक्ति पाना का यह सुनहरा अवसर है। उन्होने जिला प्रशासन की ओर से अस्वस्थ किया जो परिवार मैला ढोने के कार्य को त्याग देगा उस परिवार को अन्तोदय, बी0पी0एल0 कार्ड बच्चो को अतिरिक्त् छात्रव्रत्ति तथा कुछ समय पश्चात माहामाया योजना के तहत आवास भी मिल पायेगा।
बाद में जिलाधिकारी महोदय के कैम्प कार्यालय मे जिलाधिकारी श्री अमित गुप्ता से भेट के दौरान सुश्री अंजली ने बताया कि यह जारी तीब्रगति कार्य को देखकर उनको अत्य्न्त प्रशसन्नता हुई और इसके लिये उन्होने जिलाधिकारी श्री अमित गुप्ता को बधाई दी, जिस पर जिलाधिकारी साहब ने कहा कि इस कार्य के लिये श्री चौधरी ही बधाई के पात्र है जिन्होने उनको जिले की वास्त विकस्थिति से अवगत कराया। साथ ही जिलाधिकारी महोदय ने कहा कि यदि पैसो का पूर्ण प्रबन्ध हो जाये तो हम निश्चित ही दिसम्बर तक जिले को शुष्क शौचालय से मुक्त करा देगें।
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