Friday, July 16, 2010

बदायूं पंचायत राज विभाग के तत्‍वाधान में सम्‍पूर्ण स्‍वच्‍छता अभियान के अन्‍तर्गत प्रेरको की एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका

शुभारम्‍भ श्री संजीव कुमार समाज कल्‍याण अधिकारी द्वारा दीप प्रज्‍वलित कर किया गया। कार्यशाला के शुभारम्‍भ के अवसर पर श्री संजीव कुमार ने कहा कि शुष्‍क शौचालयो की समस्‍या जनपद की वडी गम्‍भीर एवं घातक समस्‍या है क्‍योकि खुले में शौच करने वाला व्‍यक्ति गॉव से दूर जाकर मल त्‍याग करता है जबकि शुष्‍क शौचालय प्रयोग करने वाला व्‍यक्ति अपने घर में ही मल त्‍याग करता है

उसके नजदीक ही खाना बनाने एवं खाने वाला स्‍थान होता है जिसके लिये हमें प्राथमिकता पर शुष्‍क शौचालयों के स्‍थान पर जलप्रवाहित शौचालय बनाना प्राथमिकता है वही मैला ढोने वाले व्‍यक्ति का पुनर्वास करना भी उतना ही महत्‍वपूण

एवं आवश्‍यक है जिसके लिये हम सहयोग करने के लिये तैयार है जो व्‍यक्ति मैला उठाना बन्‍द करेगें यदि वह साठ वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके है

तथा बी0पी0एल0 सूची मे उनका नाम तो उन्‍हे प्राथमिकता पर पेंशन दी जायेगी उन्‍होने अनुभवों को बताते हुये कहा कि जिन स्‍थानो पर पानी की कमी हो वहा कम पानी वाला शौचालय सीट प्रयोग किया जाये।

जिला पंचायत राज अधिकारी आर0एस0चौधरी ने प्रतिभागियो की प्रेरण क्षमता बढाने हेतु पॉच बिन्‍दुओ पर विस्‍तर से प्रकाश डाला उन्‍होने कहा कि यदि प्रेरक इन 04 बिन्‍दुओ को अपनाते है तो उन्‍हे शुष्‍क शौचालय तुडवाकर जलप्रवाहित शौचालय बनाने म
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महती सफलता मिलेगी उन्‍होने कहा कि किससे बात करनी है कब बात करनी है क्‍या बात करनी है और कैसे बात करनी है जिस पर प्रतिभागियों से सहभागी प्रक्रिया के तहत विचारो एवं अनुभवों का अदान प्रदान भी किया उन्‍होने प्रेरको का आहवान किया कि यदि वह पूरी तन्‍मयता से कार्य कर अभियान में सहयोग करेगें तो जब भी किसी प्रकार समस्‍या आये तुरन्‍त सूचित करे खुद को अकेला न समझे अभियान किसी व्‍यक्ति या विभाग का नही सामूहिक आन्‍दोलन है।


जिला परियोजना समन्‍वयक रविशंकर शर्मा प्रेरको को प्रशिक्षण देते हुये बताया कि वह जब ग्राम मे शुष्‍क शौचालय परिवारो से बात करे तो अपना व्‍यवहार पूरी तरह उन्‍ही के परिवार गॉव एवं अपने व्‍यक्ति जैसा प्रस्‍तुत करे तदउपरान्‍त शुष्‍क शौचालय को समाप्‍त करने एवं

जलप्रवाहित शौचालय बनाने के लाभो से अवगत कराये। इस अवसर पर यूनीसेफ के श्री परीक्षित सेठ एवं शाहवेज अहमद, अब्‍दुल अहद जाबांज ने भी विचार व्‍यक्ति किये कार्यशाला का शुभारम्‍भ चैतना गीत राष्‍टीय गीत से किया।

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