बदायूं
पंचायत राज विभाग के तत्वाधान सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान
के अन्तर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें शुष्क शौचालय वाले 71 ग्राम प्रधानो, ग्राम पंचायत सचिवों एवं सहायक विकास अधिकारी पं0 ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला का शुभारम्भ श्री चन्द्रकान्त मुख्य विकास अधिकारी बदायूं ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला के उदघाटन अवसर पर मुख्य अतिथि चन्द्रकान्त मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जनपद में शुष्क शौचालयो का निर्माण कराना हम लोगो की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ग्रामो में मौजूद शुष्क शौचालयो से घर एवं गॉव का वातावरण दूषित होता है तथा बीमारिया फैलती है। इसके लिये सभी का धर्म जाति एवं आर्थिक स्तर से उपर उठकर शुष्क शौचालयो परिवारो के जलप्रवाहित शौचालय बनवाकर स्वच्छ वातावरण देने हेतु पूरे मनोयोग से कार्य करना होगा। हम और सरकारी विभागो से जिस तरह के सहयोग की आवश्यकता पडे हम तैयार है। जिला पंचायत राज अधिकारी श्री आर0एस0चौधरी ने कहा कि जागरूकता के अभाव में शुष्क शौचालयो के कारण जनपदवासी अनजाने में मानव मल का सेवन कर रहे है यह वडी चिन्ता का विषय है जब तक जनपद में एक भी ग्राम में शुष्क शौचालयों की प्रथा रहेगी मानव मल खाने की प्रक्रिया जारी रहेगी। उन्होने विश्वास दिलाया कि एक माह के अन्दर शुष्क शौचालयो का ध्वस्त कर जलप्रवाहित शौचालयो में परिवर्तित कर दिया जायेगा। उन्होने समुदाय का आहवान किया कि वह शुष्क शौचालय के ध्वस्तीकरण कर जनपद में एक स्वच्छ वातावरण प्रदान करने में अपनी महती भूमिका का निर्वहन करे।
यूनीसेफ लखनउ की सहायक परियोजना अधिकारी पेयजल स्वच्छता कुमारी भावना वाजपेई ने कहा कि जनपद के भ्रमण से यह बात अनुभव की गयी है कि राजगीर मस्ृियों की प्रर्याप्त उपलब्धता न होने या अप्रशिक्षित होने के कारण जहा स्वच्छ शौचालयो के निर्माण में कठिनाई आती है वही निर्मित शौचालयों का स्थायित्व प्रवाहित होता है इसके लिये शीध्र ही जनपद में राजगीर मिस्ृियो के प्रशिक्षको का प्रशिक्षण किया जायेगा जिससे गुणवत्ता पूर्ण स्वच्छ शौचालयों का निर्माण हो सके। जिला परियोजना समन्वयक श्री रविशंकर शर्मा ने कहा कि एक मानव का मल दूसरे मानव द्वारा सिर पर रखकर ले जाना अमानवीय एवं गैर कानूनी है इसे दूर करने के लिय हमे शुष्क शौचालयो का ध्वस्त कर जलप्रवाहित शौचालयो का निर्माण करना ही एक विकल्प है। जो जागरूकता के द्वारा ही सम्भव है साथ ही इस अभियान में सभी को सहयोग करने एवं अभियान को जनआन्दोलन बनाने की आवश्यकता है। कार्यशाला में यूनीसेफ के श्री शावेज अहमद, परीक्षित सेठ स्वच्छता विशेषज्ञ यूनीसेफ सहायक विकास अधिकारी पं0 के0पी0 वर्मा उझानी, वीरपाल सिंह अम्बियापुर, श्रवणलाल बिसौली दिनेश बाबू ने भी विचार व्यक्त किये कार्यशाला में जनपद से शुष्क शौचालयों वाले सैकडो ग्राम प्रधानो, सचिवों आदि ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला का संचालन सहायक विकास अधिकारी पं0 श्री शशिकान्त शमा तथा आभार अब्दुल अहद जांबाज ने व्यक्त किया
Thursday, July 15, 2010
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